सक्ती -बालिकाओं की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और परीक्षा के लिए पूरे जिले में एक अलग पहचान रखने वाली संस्था शा कन्या उ मा वि सक्ती इन दिनों ओपन बोर्ड एवं बोर्ड अवसर परीक्षा में नकल कराने को लेकर चर्चा में हैं जो परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं उनके बीच चर्चा है कि नकल तो सभी कक्षाओं में हो रही है परन्तु कुछ कुछ कमरे में जमकर नकल कराए जा रहे हैं। परीक्षा के बाद तीन घंटे में होने वाली प्रायोगिक परीक्षा मात्र आधा घंटा के भीतर सम्पन्न कर दी जा रही है ऐसा कब संभव हो सकता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है दूसरी ओर संस्था में नियमित अध्ययन करने वाले छात्राओं की पढ़ाई- लिखाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है ।बच्चों की औसत मासिक उपस्थिति 60%के आस -पास है और परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75%उपस्थिति आवश्यक है परन्तु प्राचार्य का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।एक वर्ष में तीन -तीन बार ओपन बोर्ड की परीक्षा आयोजित होने से यहां के नियमित छात्राओं की पढ़ाई की गुणवत्ता में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है संबंधित बिषय शिक्षक कोर्स पूरा करने की औपचारिकता पूरी करने विवश हो रहे हैं। यहां चौंकाने वाली बात है कि ओपन बोर्ड परीक्षा में वे बच्चे भी बैठ रहे हैं जो इसी संस्था में नियमित छात्रा के रूप में अध्ययनरत हैं नियमानुसार एक वर्ष में दो बोर्ड परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं है। सूत्रों की मानें तो ऐसा करने स्वयं प्राचार्य प्रोत्साहित करती रहती हैं और वही यहां केंद्राध्यक्ष भी हैं ऐसा लगता है ओपन बोर्ड के बच्चों की अग्रेषण शुल्क और तीन-तीन बार परीक्षा संचालन का केंद्राध्यक्ष के रूप में पारिश्रमिक और बार -बार बोर्ड के दौरा कर टीए -डीए के रूप में प्राचार्य अपनी कमाई में तो इजाफा कर रही हैं परन्तु बच्चों के भविष्य और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को लेकर चिंतित दिखाई नहीं पड़ती हैं।नकल कराकर नकल को बढ़ावा दे रही हैं और एक प्रतिष्ठित स्कूल के साख को गिराने का काम कर रही हैं । हायर सेकंडरी में उम्रदराज बच्चे शामिल हो रहे हैं और इन्हें बिना रोक टोक के धड़ल्ले से नकल करते हुए परीक्षा कक्ष में देखा जा सकता है बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है और मनमाने तरीके से परीक्षा संचालन कर रही हैं।वाह्य परीक्षक भी नियुक्त कर दिया गया है परन्तु वे भी नकल रोकने में असफल साबित हो रहे हैं। संस्था में बहुत ही अनुभवी ब्याख्याता शिक्षक पदस्थ हैं यदि वे चाहती तो इनकी डियुटी लगाकर नकल पर नियंत्रण रख सकती हैं परन्तु ऐसा करना उचित क्यों नहीं समझती यह भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान भी मूल्यांकन केंद्र में ओपन बोर्ड परीक्षा संचालित होने, ओपन बोर्ड परीक्षा केंद्र को दूसरे संस्था में स्थानांतरित करने, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता से अवगत कराते हुए माननीय विधायकों ने बार बार विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना लाया है इसके बावजूद भी स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी के साथ साथ बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव भी मौन साधे हुए हैं अभी तीन कक्ष ऐसे हैं जो मरम्मत के बाद भी उपयोग के लायक नहीं है।भारी बरसात के बीच सितंबर महीने में छत्त पर पन्नी डालकर पानी का रिसाव रोकने का प्रयास जरूर किया गया है परन्तु समय पर पन्नी नहीं लगाने से छत्त से सीमेंट गिरने लगे थे किसी बच्चे को हल्की-फुल्की चोट भी आई थी इसे लेकर कुछ बच्चों ने सोशल मीडिया में इस पर रियेक्सन किया था जिसे प्राचार्य द्वारा फटकार लगाकर दबाने का प्रयास किया गया। ओपन बोर्ड की बड़ी मात्रा में पुस्तकें तीन महीने से बरामदे में रखा गया था अवसर परीक्षा शुरू होने के दो दिन पहले ही इसे एक जर्जर कक्ष में रखने की कार्यवाही किया गया है बच्चे बरामदे में पढ़ने मजबूर हैं परन्तु इस पर जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं इन सभी समस्याओं को लेकर आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से सदन का ध्यान एक बार फिर से लाए जाने की जानकारी है देखना है नकल पर रोक लगाने और ओपन बोर्ड परीक्षा केंद्र अन्यत्र स्थानांतरित करने की दिशा में संबंधित अधिकारी कर्मचारी क्या संज्ञान लेते हैं संस्था के सभी बच्चों और जन-मानस को इसका इंतजार है।

