🏳 *19 सितम्बर के होही रिलीज “बलिदानी राजा गुरू बालकदास” – छत्तीसगढ़ के पहिली ऐतिहासिक फिलिम*
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रायगढ़ | छत्तीसगढ़ी सिनेमा के इतिहास मं पहली बार बड़े पर्दा मं ऐतिहासिक गाथा हर 19 सितम्बर के जीवंत होही। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार, “सतनाम रहस्य” सहित कइ ठी पुस्तक के लेखक अउ कइ देश के यात्रा करोइया, यात्रा संस्मरण लेखक, श्रद्धेय डॉ. जे.आर. सोनी फिलिम के निर्माता एँ। डॉ. साहब के संग रवीन्द्र सोनी जी भी निर्माता एँ।
फिलिम के निर्देशन अमीर पति जी करे हें। बड़ परिश्रम ले तैयार “बलिदानी राजा गुरू बालकदास” 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार ले छत्तीसगढ़ अउ महाराष्ट्र के कइ ठी सिनेमाघर मं एके संग प्रदर्शित होही।
गुरु घासीदास जी के द्वितीय सुपुत्र राजा गुरू बालकदास जी छत्तीसगढ़ के इतिहास मं वो महान विभूति एँ जेमन अपन समाजिक चेतना अउ सतनाम जागरण के कारण अमर हो गीन। सन् 1853 मं अंग्रेजी शासन ओकर बढ़त प्रभाव ल देखके राजकीय सम्मान के संग “राजा” के पदवी प्रदान करीन। राजा के उपाधि के संग शस्त्र, सेना, पालकी अउ गज राखे के स्वीकृति दिए गीस। राजमहल ले जब राजा गुरू के सवारी निकले त ठाठ-बाट अउ भव्यता देखके हर कोई गदगद हो जॉंय।
राजा गुरू बालकदास जी गांव-गांव रावटी करत सतनाम धर्म के प्रचार-प्रसार मं निरंतर जुटे रहिन। जनमानस ला जागृत करिन अउ समाजिक कुरीति के खिलाफ बुलंद अवाज उठइन। ओकर प्रभाव देखके अंग्रेज शासक कर्नल इग्नू तक ला मानना पड़िस अउ वो कहिस कि “अगर गुरू बालकदास जी 10-15 बरस अउ जिंदा रथीन त संपूर्ण छत्तीसगढ़ हर सतनाममय हो जाय रथीस।”
जन-जन के कल्याण बर जइसे समाजिक चेतना अउ जनजागरण राजा गुरू बालकदास जी करत रहिन वो हर आततायी मन ला सहन नई होइस, तेकर सेती 28 मार्च 1860 के दिन मुंगेली कना औराबांधा गॉंव मं षड्यंत्रपूर्वक ओकर निर्मम हत्या कर दीन।
फिलिम “बलिदानी राजा गुरू बालकदास” हर इतिहास के ओइ सजीव दस्तावेज ए जेला बड़ मेहनत से बनाय गे हे। ये फिलिम हर राजा गुरू बालकदास जी के बलिदान अउ योगदान के स्मरण करात नावा पीढ़ी बर प्रेरणा के संदेश दीही।
फिलिम 19 सितम्बर ले रायपुर के प्रभात टॉकीज, पीवीआर सिटी सेंटर मॉल पंडरी, न्यू राजधानी सीबीडी मिराज, भिलाई के आर.एल.आर. भिलाई अउ पीवीआर, दुर्ग के अप्सरा टॉकीज अउ के.एस.एस. मल्टीप्लेक्स, राजनांदगांव के श्रीकृष्णा, बलौदाबाजार के शिवा बॉलीवुड, कसडोल के बालाजी, पिथौरा के गरिमा, धमतरी के देव श्री, कवर्धा के मां भुनेश्वरी, बिलासपुर के शिव अउ 36 मॉल, शिवरीनारायण के रामा मेट्रो, जांजगीर के मेट्रो, चांपा के मुकुंद, रायगढ़ के रामनिवास, कोरबा के चित्रा अउ निहारिका, घरघोड़ा के ए.के. टॉकीज अउ महाराष्ट्र के नागपुर मं मिनीमाता नगर स्थित जयश्री टॉकीज मं एके संग प्रदर्शित होही।
फिलिम के निर्माता डॉ. जे.आर. सोनी अउ रवीन्द्र सोनी हें। कहानी डॉ. जे.आर. सोनी के लिखे हावय, संगीत हैप्पी मिश्रा के, गीत धन्नुपवन के, संपादन अम्बिकेश कुणाल होता के, छायांकन सुशील आचार्य के, संवाद किस कुर्रे अउ अमीर पति के, नृत्य निर्देशन अमीर पति के, ध्वनि ममता पति के अउ प्रोडक्शन डिजाइनर निहाल फिल्म्स हें।
प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज (साहित्य प्रकोष्ठ) के प्रदेश प्रवक्ता राकेश नारायण बंजारे हमर छत्तीसगढ़वासी सब झन ला अपील करत हें कि अपन गौरवशाली इतिहास ला जाने बर, संस्कृति अउ बलिदान ले प्रेरणा लेत जरूर ये ऐतिहासिक फिलिम ला 19 सितम्बर ले टाकीज मं देखे जॉंय।

