🌍 *छत्तीसगढ़ विज्ञान केन्द्र, रायपुर*
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*छत्तीसगढ़ संसाधन के जानकारी, विज्ञान के कठिन सिद्धांत मन के सरल मॉडल अउ संग मं बहुत कुछ…*

*जिहां जिज्ञासा ह उड़ान भरथे अउ ज्ञान हर अपन पंख पसारथे…*
वैसे तो मैं हमर राजधानी रायपुर के सड्डू मं स्थित छत्तीसगढ़ विज्ञान केन्द्र पहिले घलो पहुँच गे हों, फेर मोला जब भी अइसे मौका मिलथे कि उहॉं पहुँचे के सहुलियत रहे, मैं आने जगहा जाय के बजाय उहें जाय ल प्राथमिकता देथों। शायद विज्ञान के विद्यार्थी अउ व्याख्याता होय के नाते एक स्वाभाविक इच्छा घलो उहें जाय के होथे।
आज फिर उही केन्द्र मं पहुँचे के अवसर मिलिस अउ पहिली सही अबो घलो बहुत अच्छा अनुभव मिलिस।
मुख्य गेट के भीतर जइहा त हरियर बगिया, लईन ले लगे पेड़-पौधा-झाड़ी, बगिया मं विज्ञान आधारित मॉडल, हमर देश के गौरव आठ प्रमुख वैज्ञानिक मन के मूर्ति, ए सब देखके मन मं अपने आप वैज्ञानिक उत्साह जाग जाथे।
सच मं, विज्ञान हर केवल प्रयोगशाला के चीज नोहे, एहर जीवन जीएँ के दृष्टिकोण घलो ए। भारतीय संविधान हमन ल वैज्ञानिक सोच, मानवता और विवेक के विकास के प्रेरणा देथे। ये विचार मन मं अपन आप गूंजथे, जब इहां के हर मॉडल ल देखिहा। यदि आप चीज मन के गंभीरता से अवलोकन करिहा तब पता चलही कि विज्ञान हमर चारों अँग जीवित रूप मं मौजूद हे अउ यदि थोर-मोर घलो रूचि नीं ए त बोर घलो लाग सकत हे।
जब केन्द्र के भीतर पहुँचिहा त सबले पहली छत्तीसगढ़ संसाधन गैलरी ह परही। इहाँ हमर राज्य के प्राकृतिक अउ सांस्कृतिक संसाधन ला वैज्ञानिक तरीका ले देखाय गे हे। चिरइ-चुरगुन, बघवा-भालू सहित अनेक प्रकार के लाइट ले जगमगात चित्र, मॉडल अउ जीव-जंतु के अवाज सुने के टेलिफोनिक सुविधा घलो हे। इहॉं हमर छत्तीसगढ़ के धान के कइ किसिम देखके मन गर्व ले भर जाथे। ग्रामीण अउ जनजातीय संस्कृति के जीवंत झॉंकी, परिधान, गहना, कुटुमसर के गुफा, हमर वन संसाधन के एहसास करात घनघोर जंगल, वनभैसा-ढूलमांदर के झांकी, संग मं कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट जइसन खनिज के संग्रह देखके समझ आथे कि हमर छत्तीसगढ़ धन-दऊलत अउ खनिज संसाधन ले भरपूर हे। इहां आपमन ल लागही के इही संसाधन मन के सही उपयोग अउ संरक्षण ले हमर राज्य के भविष्य अउ उज्जर हो सकत हे।
कइ प्रकार के पथरा अउ ओकर कायांतरित रूप, ब्लास्ट फर्नेस के जीवंत आकर्षक मॉडल, कोयला ले विद्युत तक के मॉडल, प्रदर्शनी, इस्पात चारों ओर मं स्टील, ऐल्यूमिनियम के उपयोग के जानकारी, कइ ठी वाद्य यंत्र के मॉडल ओकर स्वर, कपड़ा बुनाई के जादू, ये सब देखे ल मिलथे।
ऊपर प्रथम तल मं भौतिकी के सिद्धांत के सरल मॉडल बने हे। किताब मं जे नियम मन ल पढ़े हन ओमन के सरल मॉडल इहां प्रदर्शित हे जेला कोइ भी धियान से देखके समझ सकत हें। मॉडल के संग मं ओहर का चीज ए अउ ओकर का सिद्धांत हे, प्रयोग कैसे हे, एकर जानकारी भी दिए गे हे।
सुक्ष्मदर्शी से मापन, सर्वेक्षण मं शामिल मापन विधि, वायुमंडलीय दबाव महसूस करई, इलेक्ट्रॉन के आवेश के मापन के चार्ट, पृथ्वी के वजन मापना, ऊर्जा उपभोग के मापन, रंगीन पिरामिड, स्टिरियोस्कोप, परिमाण के अनुक्रम सुक्ष्मतम से विशालतम अउ प्रकाश की गति ल नपोइया वैज्ञानिक मन के जानकारी, प्रकाश से संबंधित मॉडल, ध्वनि तरंग ला पाइप अउ कंपन ले देखाय गे हे, आवाज ह हवा ले कइसे एक जगहा ले दूसर जगहा तक जाथे। बल अउ गति के सिद्धांत, झूला, लीवर अउ घूमत पिंड के मॉडल मं खेल-खेल मं समझ मं आथे।
संग मं मनोरंजक विज्ञान घलो हावे, जिहां खेल-खेल मं लइका मन सीख सकत हें। इहाँ वैज्ञानिक प्रयोग मन मजेदार ढंग ले सजाय गे हे। आश्चर्यजनक रिंग के भ्रम, पृथ्वी के चारों मुड़ा अंतरिक्ष में सेटेलाइट, समुद्र के गहराई नापे के तरंग बतात मॉडल, शुद्ध दुध के मापन लैक्टोमीटर, ऑप्टिकल इल्यूजन, आंखी ला धोखा देत चित्र अउ रोशनी के खेल, जइसे सब देखके समझ मं आथे कि विज्ञान ह सिरिफ कठिन सूत्र नोहे बल्कि खेल-खेल मं जीवन के हर चीज संग जुड़े हावय।
थ्री डी शो अउ तारामंडल मं अंतरिक्ष के यात्रा। ग्रह, नक्षत्र, ग्रहलोक देखके बचपन के जिज्ञासा हर जी जाथे। लइका मन के ललक बड़ जाथे कि ए आसमान के पाछू का हावय? खगोल ज्ञान के ये अनुभव ह मन ला समझाथे कि विज्ञान हर धरती ले लेके सौरमण्डल, अंतरिक्ष अउ पूरा ब्रह्मांड के हर सिद्धांत म हे। ब्रह्माण्ड के जम्मों पिण्ड मन के गति हर तो एकदम वैज्ञानिक सिद्धांत ले बँधे हुए हावे, ए सब के जानकारी हर अद्भुत लागथे।
इहॉं के विज्ञान के कुछ सिद्धांत के सरल व्याख्या, जइसे प्रकाश के गमन, ध्वनि के तरंग रूप अउ ओकर गूंज सुनइ देथे, इक्को साऊँड, कोडेड संगीत, पाईथागोरस के प्रमेय। बल ह गति के दिशा बदल सकथे, छोटकुन धक्का ले भारी चीज ह सरक जाथे। दबाव ह क्षेत्रफल ऊपर निर्भर करथे, मजाकिया आईना हे जेमा प्रतिबिंब उलटा-सीधा देखइ देथे, घुमावदार आईना मं मुँहु हर छोटे-बड़े हो जात हे कस दिखथे। अइसने सरल सिद्धांत के अलावा मानव विकास सूचकांक, जल संरक्षण प्रदर्शनी, बीएमआई अउ आहार के माप के मान, जइसन अउ कतको जानकारी भरे पड़े हे।
ये केन्द्र के सबले बड़े महत्व के बात ये हरे कि इहां के अवलोकन करे मं लइका सहित सब जिज्ञासु मन के मन मं जिज्ञासा जगाथे। कम दाम मं टिकट हे जेकर सेती विज्ञान देखे-सिखे के मौका मिलथे। इहॉं एन्ट्री बर मात्र दस रू. के गेट पास लागथे, विद्यार्थी मन बर पॉंच रू. हे। इहॉं जिज्ञासु विद्यार्थी मन मं विज्ञान प्रतियोगिता, प्रदर्शनी अउ कार्यशाला के तैयारी करे के समझ विकसित होथे।
पूरा भ्रमण करे के बाद मन मं एक शांति अउ संतोष रथे कि इहॉं आय ले सिरिफ घूमे के नीही बल्कि विज्ञान के रहस्य जाने के, नावा-नावा चीज देखे सीखे के, हमर राज्य के संसाधन ल जाने समझे के अवसर मिलथे। इहां पता चलथे कि विज्ञान हर जीवन के हर अंग मं बगरे हावय अउ हमर हर रोज के जिनगी ला आसान बनाय हे।
हमर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(क) मं ये कर्तव्य हावे कि हम ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञान के भावना’ के विकास करी, काबर कि विज्ञान हर केवल जानेच बर नोहे बल्कि सोचे के तरीका घलो बताथे।
इहॉं आप मन के घलो स्वागत हे। ये केन्द्र हर सिरिफ लइकच मन बर नोहे बल्कि हर उमर के मइनखे मन बर जाने, सीखे अउ प्रेरणा ग्रहण करे के खजाना ए। इहाँ आके समझ मं आही कि “विज्ञान हर पढ़ई के विषय के संगे-संग जीवन जीए के कला घलो ए।” जब भी रायपुर अइहा, प्रयास करिहा कि एक बार जरूर ‘छत्तीसगढ़ विज्ञान केन्द्र’ देखे ल जावा। हमर छत्तीसगढ़ मं कहावत हे कि “घर के जोगी जोगड़ा अउ आन गॉंव के सिद्ध।” इ केन्द्र हर आने राज्य के कोनों शहर मं रथिस त मइनखे मन जादा खर्चा करके जाथीन अउ मजा नी आथीस तले दुनिया ल ढिंढोरा पीट के बताथीन कि फलाना जगहा गे रहेंन, बड़ मजा अईस, लेकिन अपनेच प्रदेश के संसाधन अउ गौरव ल प्रकाश मं लाय बर मइनखे मन ल झिझक लागथे। ऐसन भ्रम ल हमन अपन मन ले हटइ अउ अपन राज्य के, अपन जगहा के, अपन संस्कृति के गौरव ल महसूस करी। झिझक ले नीही, गर्व से कही “हमन छत्तीसगढ़ के अन, हमन छत्तीसगढ़िया अन” प्रकृति अउ हमर पुरखा मन हमन बर घलो गौरवशाली समृद्ध विरासत छोड़ के गे हें, ओकर मान रखी, सम्मान करी, संरक्षण अउ संवर्धन करी, सब मिलके ओकर गौरव बढ़ई।
— राकेश नारायण बंजारे
खरसिया

