उराव परिवार हत्याकांड का पड़ोसी ही निकला कातिल
मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
खरसिया, थाना क्षेत्र के अंतर्गत ठुसेकेला गांव के राजीव नगर मोहल्ले में हुए चार हत्याओं के सनसनीखेज कांड की गुत्थी पुलिस ने लगभग सुलझा ली है। आदिवासी उरांव परिवार के पति, पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों की कुल्हाड़ी से बेरहमी से हत्या कर शवों को घर के पीछे खाद के गड्ढे में दफन कर दिया गया। यह घटना इतनी दिल दहला देने वाली थी कि पूरे गांव और जिले में दहशत फैल गई। शुरुआत में यह रहस्य था कि आखिर इतने बड़े नरसंहार को किसने और क्यों अंजाम दिया। अब पुलिस जांच में यह साफ हो गया है कि घटना के पीछे पुराने विवाद और पड़ोसी की खुन्नस थी। मुख्य आरोपी के तौर पर पड़ोसी लोकेश्वर पटेल को गिरफ्तार किया गया है, जो पहले भी हत्या के मामले में सजा काट चुका है और उत्तर प्रदेश की जेल में बंद रहा।”
> दो दिन बाद दुर्गंध से खुला राज
घटना विगत 8 सितंबर की रात हुई थी, लेकिन सच 11 सितंबर की सुबह सामने आया। दो दिन बाद घर से “तेज दुर्गंध आने लगी। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम गांव पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई। कमरे की फर्श पर खून के धब्बे, दीवारों पर छींटे और सामान बिखरा पड़ा था, लेकिन परिवार गायब था।
▶ खाद के गड्ढे में दफन चार शव बरामद
पुलिस ने स्नीफर डॉग रूबी की मदद ली। रूबी ने सदिग्ध घरों की जांच के बाद बाड़ी की ओर बढ़ी, जहां गोबर खाद के गड्ढे को खोदने पर चारों शव अर्धनग्न अवस्था में बरामद हुए, सभी पर धारदार हथियार के निशान थे। फॉरेंसिक टीम, साइबर सेल और रायगढ़ पुलिस की अन्य टीमें घटनास्थल पर जुटकर हत्या के रहस्य को उजागर करने में लगी रहीं।
▶ पड़ोसी से दुश्मनी बनी हत्या की वजह
सूत्रों के अनुसार, यूपी का मूल निवासी लोकेश्वर पटेल, उम्र लगभग 37 वर्ष, पेशे से राजमिस्त्री, उरांव परिवार का पड़ोसी था। वह बुधराम की बाड़ी के पास की जमीन खरीदना चाहता था, लेकिन बुधराम और उनकी पत्नी सहोदरा ने मना कर दिया। तनाव तब और बढ़ा जब सहोदरा ने कुछ समय पहले लोकेश्वर के बेटे पर घान चोरी का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई। जमीन संबंधी विवाद और बेटे पर आरोपों के कारण लोकेश्वर ने उरांव परिवार के प्रति सुन्नस पाल ली। इसके बाद दोनों परिवारों में रोजाना डांगड़े होने लगे और रजिश के लोकेश्वर ने हत्या की योजना बनाई।
हत्या की खौफनाक रात
मृतक बुधराम की बड़ी बेटी शिवानी ने सोमवार सुबह अपने माता-पिता से बातचीत की, इसके बाद परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ। उसी रात, जब बुधराम और उनका परिवार गहरी नींद में था, आरोपी लोकेश्वर पटेल हाथ में कुल्हाड़ी लेकर पीछे के रास्ते से घर में घुसा। उसने नींद में गाफिल बुधराम, उनकी पत्नी सहोदा और दो मासूम बच्चों, अरविंद (12) और शिवांगी (5) पर ताबड़तोड़ वार किए। हमले की क्रूरता इतनी थी कि मासूम बच्चों पर वार करते समय भी उसके हाथ नहीं कांपे। हत्या के बाद उसने शवों को छिपाने के लिए घर के पीछे बाड़ी में बवे खाद के गड्ढे में डालकर दफन कर दिया।
>> आईजी ने घटनास्थल का किया निरीक्षण
खरसिया थाने से डेढ़ किलोमीटर दूर हुई इस नरसंहार की घटना ने पुलिस के पेशानी पर बल ला दिया और
कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। घटना की गंभीरता को देखते हुए, 12 सितंबर की सुबह आईजी संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल घटनास्थल पर पहुंचे। उनके मार्गदर्शन में पुलिस की टीम साइपर डॉग रूबी के साथ गांव में तैनात हुई। रूबी लोकेश्वर पटेल के घर के पास रुकी, जिससे पुलिस को संकेत मिला कि आरोपी यहीं है। इसी आधार पर लोकेश्वर को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ में कई तथ्य सामने आए और आरोपी ने हत्या की पूरी कहानी पुलिस को बयां कर दी।
आधिकारिक खुलासे का इंतजार
पुलिस ने फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। उम्मीद है कि आईजी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश करेंगे पुलिस सूत्रों का कहना है कि उरांव परिवार की हत्या पुराने विवाद और पड़ोसी की खुन्नस का नतीजा थी। आरोपी लोकेश्वर पटेल फिलहाल हिरासत में है और मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

