Wednesday, December 10, 2025

एनएच और डी.बी. पावर प्लांट की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को: कुनकुनी गांव बना जलभराव का केंद्र

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एनएच और डी.बी. पावर प्लांट की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को: कुनकुनी गांव बना जलभराव का केंद्र

खरसिया।खरसिया से रायगढ़ को जोड़ने वाली एनएच-49 (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर स्थित कुनकुनी गांव इन दिनों एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है, जिसका कारण न तो प्राकृतिक आपदा है और न ही कोई आकस्मिक दुर्घटना। बल्कि यह समस्या है सरकारी एजेंसियों और निजी उद्योगों की आपसी समन्वयहीनता और लापरवाही की – जिसका सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ रहा है।

दरअसल, कुनकुनी गांव के पास डी.बी. पावर प्लांट द्वारा अपने रेल ट्रैक को एनएच-49 के ऊपर से निकाला गया है। रेलवे ट्रैक को पार कराने के लिए एनएच के स्तर को नीचे कर दिया गया, जिससे वहां एक डिप्रेशन (गड्ढा) जैसा निर्माण हो गया। यह गड्ढा बरसात के समय भारी जलभराव में तब्दील हो जाता है, जिससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि गाड़ियों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है।

गाड़ियों को हो रहा नुकसान, जान का खतरा भी

बारिश के समय जब यह क्षेत्र पानी से लबालब भर जाता है, तब टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर चालक जान जोखिम में डालकर उस रास्ते को पार करने की कोशिश करते हैं। दोपहिया वाहनों में पानी घुसने से इंजन बंद हो जाता है और वाहन वहीं ठप हो जाते हैं। वहीं, चार पहिया वाहनों की आवाज में बदलाव आना, साइलेंसर तक पानी पहुंचना, और कई बार ब्रेक डाउन की स्थिति निर्मित होना आम बात हो गई है।

स्थानीय नागरिकों की मानें तो यह समस्या पिछले दो सालों से लगातार बनी हुई है, लेकिन ना तो एनएच विभाग और ना ही डी.बी. पावर प्लांट इस ओर कोई ठोस समाधान निकाल पाया है। एनएच अधिकारियों का कहना है कि जल निकासी और वहां के रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी डी.बी. पावर प्लांट की है। वहीं डी.बी. पावर की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता।

जनता हो रही परेशान, जिम्मेदारी टाल रहे अधिकारी

स्थानीय लोगों का कहना है कि चाहे जिम्मेदारी किसी की भी हो – एनएच की या डी.बी. पावर की – भुगतना आम आदमी को ही पड़ रहा है। रोज़ हजारों की संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, जिनमें स्कूल जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, व्यापारी वर्ग, और ग्रामीण शामिल हैं। ऐसे में हर बार जलभराव से जूझना और जोखिम उठाना मजबूरी बन गया है।

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से कई बार इस विषय में शिकायत की है, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। यहां तक कि बरसात शुरू होने से पहले भी मरम्मत और जल निकासी की कोई तैयारी नहीं की गई, जिससे समस्या और भी गंभीर होती जा रही है।

स्थायी समाधान की मांग

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। सुझाव दिए जा रहे हैं कि पानी की निकासी के लिए उचित नाली निर्माण किया जाए और एनएच की सतह को फिर से समतल किया जाए ताकि आगे जलभराव की स्थिति न उत्पन्न हो।

यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो एक दिन यह समस्या गंभीर हादसे का कारण बन सकती है, जिसका दायित्व किस पर होगा – यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

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