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खरसिया | रंग-गुलाल के उत्सव होली के परब ये बछर घलो बड़े हर्ष-उल्लास अउ पारंपरिक सादगी के संग मनाय गीस, जेमा खासकर लइका मन के भारी धूम देखे ल मिलिस।
होली के पहिली स्कूल मन म घलो लइका मन अपन संगी-जहुँरिया संग एक-दूसर ल गुलाल लगाके होली मनइन अउ अपन गुरुवर मन के आशिष प्राप्त करीन। ए अवसर म गुरुवर मन लइका मन ल होली के महत्व अउ एकर सांस्कृतिक परंपरा के बारे म जानकारी देत, सावधानी से रंग-गुलाल खेले के समझईस दीन। जेखर ले लइका मन म परब के प्रति जागरूकता बढ़ीस।
ऐसे लागीस के ए बछर अधिकतर परिवार मन अपन-अपन घर म ही होली के जादा आनंद लीन। काबर की गली-मोहल्ला के धमाचौकड़ी कम दिखिस। लइका मन अपन घर-परिवार के संग रंग-गुलाल खेल के पारंपरिक मिठई गुझिया, ठेठरी, खुरमी मन के स्वाद चखिन। संगे-संग सोशल मीडिया के माध्यम ले अपन मीत-मितान अउ नता-रिस्ता मन ल घलो शुभकामना भेजके परब के खुशी ल साझा करिन।
पहिली कुछ बछर ले सूखी होली मनाय जाय के अपील के सकारात्मक असर ए बछर घलो देखे ल मिलिस। लइका मन पानी के बरबादी ल बचात अबीर-गुलाल लगाके पर्यावरण संरक्षण के संदेस दीन। अइसने, लइका मन पिचकारी, मुखौटा अउ पारंपरिक परिधान के संग होली के मस्ती के भरपूर आनंद लीन, जेखर ले जम्मो क्षेत्र म तिहार के उल्लास छाय रहीस।
ग्रामीण अउ शहरी दुनों अंचल म होली के परब लइका मन के उमंग, उल्लास अउ पारंपरिक सादगी के संग मनाय गीस, जेखर चलते जम्मो के मन म खुशी के रंग रंगाय रहीस।