सज गई मां जगदंबे की मूर्तियां

खरसिया मूर्तिकार शिवरंजन पाल, उज्जल पाल ने बताया कि खरसिया में मूर्ति बनाते हुए 40 वर्ष हो गए लोगों के लिए मनपसंद मूर्तियां मानते हैं मूर्तियों के जितने भी समान हैं कोलकाता से आते हैं मूर्ति का काम एकदम बारीकी से करना पड़ता है मूर्ति बनाते समय एक-एक बारीकी से करना पड़ता है और ऊपर से बरसात हवा सबसे बचाकर मूर्ति बनाना पड़ता है मूर्तियों की बुकिंग चालू हो गई है हर वर्ष अलग-अलग तरह की मूर्तियां बनाते हैं जिसमें भक्तों को भी मूर्ति देखने से जैसे साक्षात मा आई हो जैसे लगता है कोलकाता के कारीगरी यहां दो महीने से काम में लगे रहते हैं इस बार नवरात्रि 3 तारीख से चालू हो रही है जिसमें मूर्तिकार अपने सभी मूर्तियों की तैयारी पूर्ण होने को है।

