धमतरी …विश्वनाथ गुप्ता..

…धमतरी के गोल बाजार को बने कई वर्ष बीत गए और लोगो ने बड़े प्यार से इस मार्केट को सजता देखा…और खूब खरीदारी भी की उसी प्यार के बदौलत व्यापारियों ने भी अपनी जड़े वहां मजबूत की और अपने परिवार की रोजी रोटी का एक मुकाम हासिल किया..लेकिन पिछले कुछ सालों ने वहा एक विशेष वर्ग का ठिया बना दिया है वो है …पैसे के बल पर मार्केट में एक नया खेल प्रारंभ करना ..:जो को कई छोटे व्यापारी के लिए घातक साबित होने लगा..:
लोग बढ़ते व्यापार के चक्कर में वहां की दुकानों का सौदा …अनाप सनाप रेट में करने लगे…जिसने कभी चंद हजार में दुकान लिया था वो आज 25,से 40 लाख में दुकान का सौदा कर रहा है ..जिससे वहां के छोटे व्यापारी जो पसरा नुमा दुकान लगाते थे उनका भी जीना एक प्रकार से मुहाल है..
क्यों की कई लोग सालो से वहा किराया दे कर दुकान भी चला रहे थे…और अब पैसे के चक्कर में दुकान मालिक अपनी दुकान उनसे दुकान खाली करने बोल रहा है …चलो दुकान जिसकी है फैसला वही करेगा लेकिन….कई व्यापारी वहां ऐसे है जो वहा की सब जगह को खरीद कर नया…किराया गढ़ बनाना चाहते है और लगातार सभी छोटे दुकान..
पसरो को अनाप सनाप रेट में खरीद कर छोटे व्यपारियो का जीना हाराम किए हुए है..
निगम कोई भी कांप्लेक्स सभी वर्गो को ध्यान में रख कर बनाता है लेकिन पैसे की भाषा समझने वाले हर जगह को घमड़ी वसुलने की जगह बना देते है..
एक विशेष व्यापारी भी यही कर रहा …क्या यह सही है जिला प्रशासन को इस पर ध्यान केंद्रित जरूर करना चाहिए…और इस सरकार को भी जो सबका साथ सबका विकास के नारे लगाती फिर रही है…

