Thursday, August 28, 2025

प्रथम महिला सांसद ममतामयी मिनीमाता व प्रथम लोकसभा सांसद स्व. रेशम लाल जांगड़े की पुण्यतिथि ग्राम छोटे डूमरपाली में श्रद्धापूर्वक मनाई गई

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*प्रथम महिला सांसद ममतामयी मिनीमाता व प्रथम लोकसभा सांसद स्व. रेशम लाल जांगड़े की पुण्यतिथि ग्राम छोटे डूमरपाली में श्रद्धापूर्वक मनाई गई*
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*रामनारायण भारद्वाज (उपाध्यक्ष) के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. भोजराम दीपक (अध्यक्ष खरसिया), तोरन कुमार लक्ष्मी (अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ) व राकेश नारायण बंजारे (जिला प्रवक्ता रायगढ़) विशेष रूप से आमंत्रित थे*

खरसिया | प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज संगठन इकाई खरसिया, जिला रायगढ़ छग. के तत्वावधान में ग्राम छोटे डूमरपाली में छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद ममतामयी मिनीमाता एवं प्रथम लोकसभा सांसद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. रेशम लाल जांगड़े की पुण्यतिथि श्रद्धा, सम्मान और गरिमा के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात गुरू बाबा घासीदास जी की आरती संपन्न हुई जिससे पूरा वातावरण सतनाम की आभा से आलोकित हो उठा। इसके बाद अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत व अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम में विशेष तौर पर अति विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. भोजराम दीपक (अध्यक्ष), तोरन कुमार लक्ष्मी (अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ) व राकेश नारायण बंजारे (जिला प्रवक्ता रायगढ़) आमंत्रित थे, जिनका रामनारायण भारद्वाज (उपाध्यक्ष), भूपेन्द्र धर्मा (ग्राम छोटे डूमरपाली अध्यक्ष), मोहन भारद्वाज (पूर्व अध्यक्ष, ग्राम छोटे डूमरपाली) सहित उपस्थित-जनों ने आत्मीय स्वागत किया।
कार्यक्रम संचालन का दायित्व संगठन के उपाध्यक्ष रामनारायण भारद्वाज निभा रहे थे जिन्होंने सर्वप्रथम ममतामयी मिनीमाता व स्व. रेशम लाल जॉंगड़े जी का संक्षिप्त जीवन परिचय से सभी को अवगत कराया। उनके प्रेरणादायी संचालन से सभी अभिभूत हुए।
प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज इकाई खरसिया अध्यक्ष डॉ. भोजराम दीपक ने अपने उद्बोधन में स्व. रेशम लाल जांगड़े के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को रेखांकित करते हुए बताया कि वे देश की पहली संसद के सदस्य रहे और ताउम्र ईमानदारी, सादगी व राजनीतिक सुचिता का अनुपम उदाहरण बने रहे। उन्होंने कहा कि उनका त्याग और सच्चाई आज की पीढ़ी के लिए एक आदर्श है। साथ ही, उन्होंने ममतामयी मिनीमाता के जनसेवा, सामाजिक सुधार एवं संसद में ऐतिहासिक योगदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे छुआछूत, अशिक्षा, गरीबी और महिला उत्थान के लिए सदैव संघर्षरत रहीं।
तोरन कुमार लक्ष्मी (अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ) ने अपने वक्तव्य में ममतामयी मिनीमाता की जनता के प्रति निस्वार्थ सेवा भावना और महिला सशक्तिकरण में उनकी भूमिका को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि इन दोनों विभूतियों का जीवन यह सिखाता है कि सेवा और सादगी ही सच्ची विरासत है। आज के समय में इनके आदर्शों को अपनाना सबसे बड़ी आवश्यकता है।
जिला प्रवक्ता राकेश नारायण बंजारे ने अपने विस्तृत वक्तव्य में कहा कि ममतामयी मिनीमाता और स्व. रेशम लाल जांगड़े केवल छत्तीसगढ़ या सतनामी समाज के नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में रहते हुए भी दोनों ने कभी निजी स्वार्थ नहीं देखा बल्कि समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया। ममतामयी मिनीमाता ने संसद में छुआछूत समाप्ति, महिला उत्थान, मजदूर-किसान हितों और विकास परियोजनाओं के लिए ऐतिहासिक योगदान दिया, वहीं स्व. रेशम लाल जांगड़े ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर हर संसदीय पद तक, अपने हर कदम पर ईमानदारी और सादगी को जिया।
भूपेन्द्र धर्मा (अध्यक्ष, ग्राम छोटे डूमरपाली) ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इन दोनों विभूतियों का योगदान समाज को सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें सादर नमन करते हैं।
मोहन भारद्वाज (पूर्व अध्यक्ष) ने कहा कि समाज में जब भी आदर्श नेतृत्व की बात होगी, ममतामयी मिनीमाता और स्व. रेशम लाल जांगड़े का नाम स्वर्णाक्षरों में लिया जाएगा।
कार्यक्रम में ग्राम की मातृशक्ति और बच्चों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति विशेष रूप से सराहनीय रही। भारती लक्ष्मी, पदमन भारद्वाज, विरेन्द्र भारद्वाज, रूप लाल धर्मा, पिंकी भारद्वाज, पूर्णिमा भारद्वाज, राधा भारद्वाज, अगहन भारद्वाज, नर्मदा भारद्वाज, श्रुति भारद्वाज, श्रेया भारद्वाज, नैंशी भारद्वाज, निमिषा भारद्वाज, नेहा धर्मा, दृष्टी धर्मा, गुलशन धर्मा, हिमांशु लहरे, भीम, सम्राट आडिले उपस्थित रहे। माताओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई, वहीं बच्चों की जिज्ञासा और सहभागिता यह दर्शाती है कि नई पीढ़ी भी अपने पुरखों के योगदान और आदर्शों को जानने के लिए उत्सुक है।
अतिथियों ने ग्राम छोटे डूमरपाली की सामाजिक सजगता की सराहना करते हुए कहा कि यह गॉंव सामाजिक जागृति और एकता का प्रतीक रहा है। यहां सदैव सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रेरणादायी आयोजन होते रहते हैं। यह ग्राम समाज के उत्थान के लिए हमेशा अग्रणी रहा है और यहॉं का हर आयोजन इस बात की पुष्टि करता है।
अंत में, सभी ने दोनों महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
रामनारायण भारद्वाज ने सभी अतिथियों और कार्यक्रम में सहयोग देने वाले साथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी अगर हमारे महापुरूषों के आदर्शों को अपनाए तो समाज में सकारात्मक बदलाव अवश्य आएगा।

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