Tuesday, July 22, 2025

खरसिया रेलवे ओवर ब्रिज चढ़ा राजनीति की भेंट

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खरसिया रेलवे ओवर ब्रिज चढ़ा राजनीति की
भेंट

अंडर ब्रिज बनते ही ओवरब्रिज हो जाएगा केंसल ?

खरसिया । विधानसभा चुनाव के वक्त नेताओं द्वारा खरसिया में विकाश की गंगा बहाने बड़े बड़े दावे और वादे किए थे, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आये डेढ़ वर्ष से अधिक हो गया। डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरसिया विकास के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया गया। लगभग आधा शहर और सभी शासकीय कार्यालय रेलवे फाटक के उस पार है। शासकीय हॉस्पिटल, स्कूल कालेज बाजार तथा रोजमर्रा की सामग्री इस पार है। विधायक उमेश पटेल ने विधानसभा में ओवरब्रिज का मुद्दा उठाया था उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहां वित्त विभाग द्वारा कार्य को लंबित रखा गया है। आपको बता दे छग के वित्त मंत्री ओपी चौधरी है।
प्रस्तावित रेलवे अंडर ब्रिज स्थल की सड़क दोनो और से काफी सकरी है दोनो और से एक साथ कार का आवागमन होना मुश्किलों भरा दिख रहा इसके लिए दोनो और की सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण करना होगा। इसके साथ ही अगर रेलवे अंडर ब्रिज बनाएगी तो क्या ओवर ब्रिज भी बनाएगी ? ये कोश्चन मार्क बहुत से सवालों को जन्म दे रहा है । राजनीति गलियारों की चर्चाएं बता रही खरसिया विधानसभा चुनाव हारने के बाद साहब ने खरसिया वासियों से मुँह मोड़ लिया है शायद इसी वजह से खरसिया विधानसभा में विकास के कार्य रुके हुए है। जिसमे खरसिया रेलवे ओवरब्रिज भी शामिल है।
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे उमेश पटेल की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा तत्काल खरसिया ओवरब्रिज की स्वीकृति प्रदान की थी। लगभग 64 करोड़ रुपये की लागत से ओवरब्रिज बनने वाला था। ओवरब्रिज से प्रभावितों को लगभग सात करोड़ रुपये की मुवावजा राशि का वितरण किया जा चुका है। ओवरब्रिज का तीन बार टेंडर हो चुका था, कार्य प्रारंभ होने वाला था आचार सहिंता लगने से उक्त कार्य रुक गया। विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदल गई 10/12/24 को विष्णुदेव साय की सरकार बनी उसके तुरंत बाद 20/12/24 को वित्त विभाग द्वारा उक्त स्वीकृति को लंबित रखा गया। इतना सब हो जाने के बाद अगर ओवरब्रिज के स्थान में परिवर्तन किया गया तो सरकार को करोड़ो रूपये का नुकसान उठाना पड़ेगा है। सरकार द्वारा खरसिया में ओवर ब्रिज जैसी विकराल समस्या को सिर्फ इसलिए रोका जा रहा इनको डर है कही इसका श्रेय विधायक उमेश पटेल या कांग्रेस को ना मिल जाय इसी वजह से खरसिया रेलवे ओवरब्रिज चढ़ा राजनीति की भेंट।
एक समय था प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु खरसिया विधानसभा हुआ करता था इसी विधानसभा में लखीराम अग्रवाल और नंदकुमार पटेल जैसी महान विभूतियों की जन्म और कर्म भूमि रही है। छेत्र में अधिक से अधिक विकास के कार्य हो इसके लिए इन्होंने कभी कोई समझौता नही किया राजनीति से परे उठकर विकास के कार्य किये है।

 

आम जनता को हो रही समस्यों को देखते हुए किसी प्रकार की राजनीति ना करते हुए ओवरब्रिज का जल्द से जल्द निर्माण करवाया जाना चाहिए।
*उमेश पटेल पूर्व मंत्री खरसिया विधायक*

जिले के मंत्री को खरसिया की जनता से कोई लेना देना नही है रेलवे फाटक में फसकर गर्भवती महिला की जान खतरे में पड़े या स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में लेट हो उनको अपनी राजनीति वैमनस्यता निकालनी है।
*पूर्व नपा अध्यक्ष राधा सुनील शर्मा*

कुछ त्रुटियां आई हुई है उनको दूर कर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा
* भाजपा नेता, पूर्व विधायक प्रत्याशी महेश साहू*

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