*भारत बंद में खरसिया रहा पूर्णत: बंद*
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*हजारों लोगों की उपस्थिति ने बनाया बंद को सफल*
*संचालन समिति डॉ. भोजराम दीपक, रामनारायण भारद्वाज, राकेशनारायण बंजारे, अर्चना सिदार, भोगसिंह राठिया, कांशीराम सिदार, बीरसिंह राठिया, इंद्रदेव सिदार, श्याम बंजारे, तोरन लक्ष्मी, अनिल कुर्रे, आनंदराम लक्ष्मी, मनीराम सोनी ने सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया।*
खरसिया | खरसिया शहर में भारत बंद का व्यापक असर दिखाई दिया। दूर दराज से आए हजारों लोगों की उपस्थिति से खरसिया नगर सराबोर रहा। संवैधानिक रैली के रूप में बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर ज्ञापन सौंपा गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के अंदर क्रिमिलेयर लागू करने के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने की मॉंग को लेकर भारत बंद का आयोजन किया गया था।
एसटी एवं एससी वर्ग के भीतर वर्गीकरण का अधिकार राज्यों को देने से एक वर्ग के भीतर ही नया संघर्ष शुरू हो जाएगा एवं पुनः एनएफएस (नॉट फाऊँड सुटेबल) का दौर शुरू हो जाएगा। एससी-एसटी वर्ग के भीतर ओबीसी की तरह क्रिमिलेयर लागू होने से यह वर्ग दो भागों में बँट जाएगा। मुख्य धारा की ओर जो थोड़े लोग आगे बढ़ रहे हैं वे क्रिमिलेयर के दायरे में आ जाएँगे। यह वर्ग किसी प्रतियोगिता में शामिल होने के पहले ही अघोषित रूप से बाहर हो जाएगा। इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया था जिसमें खरसिया बंद शत-प्रतिशत सफल रहा।
भारत बंद के समर्थन में एक दिवस पूर्व ही पूरे नगर में अनाउंसमेंट कर दिया गया था जिसके असर से सुबह से ही दूकानें बंद रहीं। भारत बंद के दिन प्रात: से ही अनाउंसमेंट किया जा रहा था। आम जनता से समर्थन की अपील की जा रही थी जिसमें व्यापक रूप से सफलता मिली व खरसिया शहर पूर्णत: बंद रहा।
भारत बंद के समर्थन में एससी-एसटी-ओबीसी संगठन के सामाजिक कार्यकर्ता पूरे नगर भ्रमण कर रायगढ़ चौक में भारी संख्या में एकत्रित हुए। आमसभा में भारी संख्या में एससी-एसटी-ओबीसी समाज की उपस्थिति रही और सैकड़ों लोग इकट्ठे हुए, जहाँ से संवैधानिक रैली निकाली गई।
हजारों की संख्या में रैली स्थानीय विश्राम गृह पहुँची जहॉं संचालन समिति द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
खरसिया बंद संचालन समिति में डॉ. भोज राम दीपक (अध्यक्ष, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज संगठन खरसिया), रामनारायण भारद्वाज, राकेशनारायण बंजारे, अर्चना सिदार, भोग सिंह राठिया, कांशीराम सिदार, बीर सिंह राठिया, इंद्रदेव सिदार, श्याम कुमार बंजारे, तोरन लक्ष्मी, अनिल कुर्रे, आनंद राम लक्ष्मी, मनीराम सोनी सम्मिलित रहे।
कार्यक्रम में सर्व सम्माननीय किरती कुमार राठिया, संवरीन बाई सिदार, संतोषी राठिया, उमादेवी राठिया, हरप्रसाद ढेढ़े, जागेश लक्ष्मी, रामदयाल राठिया, सुलोचना देवी सिदार, रोहन लाल भारद्वाज, झनकराम, घुरवाराम, दिगम्बर सिदार, इंद्र कुमार बघेल, सुंदर कुर्रे, डॉ. विक्रम राठिया, डॉ. सुरेश राठिया, बलभद्दर सिदार, रामाधार बंजारे, पूर्णिमा कुर्रे ठेकेदार, मोहन भारद्वाज, भैयालाल राठिया, मनोज गबेल, धनंजय सिंह राठिया, जय राम राठिया, केशव खंडेल, हंसा राम लहरे, रामनिवास नागवंशी, गुलाब कँवर, छेदूराम राठिया, मनीष राठिया, अलमा खलखो, रामलाल सिदार, दानीलाल धिरहे, पेंटर राधेलाल बघेल, गोमती ध्रुव, श्याम लाल बंजारे, एमपी कुर्रे, सावित्री कुर्रे, रामेश्वर बंजारे, धनेश्वरी रात्रे, सत्यान्यूज एक्का, देवेन्द्र लहरी, महेन्द्र सिंह, दिनेश धृतलहरे, दिनेश बंजारे, खोजराम रत्नाकर, नरेन्द्र कुर्रे, अरविंद बंजारे, युवराज बंजारे, धनसाय बघेल, कोमल रात्रे, डमरूधर रात्रे, कुलदीप टोप्पो, विजय कुर्रे सहित सैकड़ों लोगों ने अपने विचार रखें व हजारों की संख्या में लोग संवैधानिक रैली में सम्मिलित रहे।
अंत में कार्यक्रम संचालन समिति द्वारा दूर दराज से आए सभी माताओं-बहनों सहित आम नागरिकों, प्रशासन व आयोजन में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष भूमिका निभाए सभी साथियों का आभार व्यक्त किया गया।