रेलवे ओवर ब्रिज के नाम खरसिया की जनता को छला जा रहा है
खरसिया रेलवे ओवरब्रिज के नाम पर खरसिया की जानता को छला जा रहा है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जब थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खरसिया आगमन के समय यह आश्वासन दिया गया था कि खरसिया में शीघ्र से शीघ्र रेलवे ओवरब्रिज एवं अंदर ग्राउंड ब्रिज बनाया जाएगा जिसके लिए रुपए भी स्वीकृति करने का घोषणा भी किया गया था 4 साल तक नागरिकों ने सोचा की चलो कांग्रेस सरकार के समय ओवर ब्रिज तो बन जाएगा लोगों को राहत मिल जाएगी भरी दोपहरी बरसात और जाड़े में एक-एक घंटे तक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़े लोग देखते रहते हैं कब गेट खुलेगा छोटे-छोटे बच्चे बुजुर्ग बीमार लोग घंटे तक के आमने-सामने गाड़ी जाने के बाद गेट खुलने का इंतजार करते रहते हैं स्कूली बच्चे खड़े रहते हैं अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस खड़ी रहती है परंतु किसी को इस दुख दर्द का एहसास नहीं होता है यह दुख दर्द सिर्फ नागरिक को मालूम होता है कि इतनी कड़ी धूप के बाद में भी 4 साल तक खरसिया विधायक द्वारा लोगों को सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा कि जल्दी चालू होगा टेंडर हो गया है परंतु न जाने किस कारण लोरमी के एक ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया था जो बाद में अपने अर्नेस्ट मनी को फॉरफीट करवाना पड़ा उसके बाद राजस्थान जयपुर के किसी व्यक्ति द्वारा ओवर ब्रिज का ठेका लिया गया है जब भाजपा सरकार आई तब भाजपा सरकार के लोगों द्वारा भी आश्वासन दिया गया यहां तक के विधायक के लिए उम्मीदवार रहे महेश साहू द्वारा लोगों को बार-बार यह कहा गया था कि हमारी सरकार आएगी तो हम ओवर ब्रिज भी तत्काल बनवाएंगे उसके बाद कुछ सुगबुगाहट चालू हुई कि अब ओवर ब्रिज बना चालू होगा लोगों द्वारा यह भी बोलना चालू कर दिया कि हम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर के आए हैं उन्होंने आश्वासन दिया है कि तत्काल ओवर ब्रिज चालू हो जाएगा जब यह लोगों को मालूम पड़ा तब विधायक उमेश पटेल ने कहना चालू कर दिया कि मैं राशि स्वीकृत करवाई है और मेरे सुकृति राशि पर ही ओवरव्हीज बनेगा परंतु पेपरो में छपवाने के बाद एक दूसरे से लड़ते झगड़ते रहे कि हम बनवाएंगे हम बनवाएंगे परंतु इसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है क्या इतनी विलंब से हो रही ओवरब्रिज के लिए विधायक उमेश पटेल जवाबदारी हैं या महेश साहू जवाबदारी हैं रेलवे क्रॉसिंग पर कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मालगाड़ी ठीक रेलवे पर क्रॉसिंग पर आकर खड़ी हो जाती है घंटा खड़ी रहती है लोग रहा देखते रहते हैं कब गाड़ी चालू हो कब गेट खुले और हम घर जा सके परंतु दुर्भाग्य है कि खरसिया को हमेशा कुछ न कुछ रूप से छला जा रहा है पुट ओवर ब्रिज के नाम पर भी पहाड़ नुमा ब्रिज बना दिया गया है जिसमें बुजुर्गों का आना-जाना असंभव और दुर्बल दुर्लभ हो गया है बार-बार डीआरएम खरसिया जाकर आशवाशन देते हैं कि तत्काल यहां ओवर ब्रिज बनेगा फुट और वृद्धि किया जाएगा परंतु कोरे आश्वासन रख करके खरसिया वालों को शायद उकसा रहे हैं की कब आंदोलन के रूप में उग्र हो सके लोग और इसका खामियां जा नागरिकों पर पड़े अतः तत्काल कांग्रेस और भाजपा के लोग तत्काल ओवर ब्रिज बनाने के लिए प्रयास करें नहीं तो खरसिया के आम नागरिक आंदोलन करने के लिए तत्पर रहेंगे