Saturday, June 7, 2025

खरसिया पुरानी बस्ती के बुजुर्ग बुध कुंवर गवेल का निधन*

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*खरसिया पुरानी बस्ती के बुजुर्ग बुध कुंवर गवेल का निधन*

 

 

*मोहल्ले के लोगों ने दाह संस्कार कर पेश किया मिशाल, दिया मानवता का परिचय*

 

*खरसिया* कहते हैं जिसका कोई सहारा नहीं होता उसके सहारे के लिए ऊपर वाला किसी न किसी रूप में आ जाता है। ऐसा वाकया हुवा खरसिया के पुरानी बस्ती में जहां वर्षों से निवासरत 80 वर्ष बुजुर्ग महिला बुध कुंवर जिनके कोई बाल बच्चे नहीं थे, उनका पति बहुत पहले गुजर चुके थे। घर अब वह अकेली पड़ गई थी, बुध कुंवर गवेल के सामने अपने जीवन यापन की समस्या आ पड़ी थी तब उसने किसी तरह मोहल्ले में सब्जी बेचकर किसी तरह से अपना पेट चलाती थी। इसी दौरान अचानक बुध कुंवर की तबियत बिगड़ी और अचानक निधन हो गया। उनके घर में दाह संस्कार के लिए और कोई सदस्य नहीं होने के कारण खरसिया पुरानी बस्ती के लोगों ने बुध कुंवर के लिए मसीहा बनकर उनके शव का विधिवत दाह संस्कार किया व उनके क्रियाकर्म को सब मिलकर चंदा करके पूर्ण किया जाएगा। बुध कुंवर बहुत सरल, सहज व मृदुभाषी थी उनके जाने से मोहल्ले वासियों की आंखें नम हो गई है।

 

*बुध कुंवर के मकान के जमीन पर बनाया जाएगा सामुदायिक भवन*

 

मोहल्ले वासियों के बताया कि 80 वर्षीया बुजुर्ग महिला बुध कुंवर के जाने के बाद उनके घर के जमीन पर मोहल्ले वासियों ने उनके नाम से सामुदायिक भवन बनाने का प्रस्ताव किये हैं जिससे सदियों तक उनका नाम याद किया जाएगा।

*खरसिया पुरानी बस्ती के बुजुर्ग बुध कुंवर गवेल का निधन*

*मोहल्ले के लोगों ने दाह संस्कार कर पेश किया मिशाल, दिया मानवता का परिचय*

*खरसिया* कहते हैं जिसका कोई सहारा नहीं होता उसके सहारे के लिए ऊपर वाला किसी न किसी रूप में आ जाता है। ऐसा वाकया हुवा खरसिया के पुरानी बस्ती में जहां वर्षों से निवासरत 80 वर्ष बुजुर्ग महिला बुध कुंवर जिनके कोई बाल बच्चे नहीं थे, उनका पति बहुत पहले गुजर चुके थे। घर अब वह अकेली पड़ गई थी, बुध कुंवर गवेल के सामने अपने जीवन यापन की समस्या आ पड़ी थी तब उसने किसी तरह मोहल्ले में सब्जी बेचकर किसी तरह से अपना पेट चलाती थी। इसी दौरान अचानक बुध कुंवर की तबियत बिगड़ी और अचानक निधन हो गया। उनके घर में दाह संस्कार के लिए और कोई सदस्य नहीं होने के कारण खरसिया पुरानी बस्ती के लोगों ने बुध कुंवर के लिए मसीहा बनकर उनके शव का विधिवत दाह संस्कार किया व उनके क्रियाकर्म को सब मिलकर चंदा करके पूर्ण किया जाएगा। बुध कुंवर बहुत सरल, सहज व मृदुभाषी थी उनके जाने से मोहल्ले वासियों की आंखें नम हो गई है।

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