Tuesday, June 10, 2025

प्राथमिक शाला बुटीपारा मे उल्लास साथ ली शपथ

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प्राथमिक शाला बुटीपारा मे उल्लास साथ ली शपथ
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नवभारत साक्षरता उल्लास कार्यक्रम
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सारंगढ़ । सारंगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा में पदस्थ नवाचारी,सक्रिय एवम ऊर्जावान मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण सम्मान से सम्मानित प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी के कुशल नेतृत्व निर्देशन में नवभारत साक्षरता उल्लास कार्यक्रम के तहत उल्लास शपथ लिया गया ,संस्था प्रमुख प्रियंका गोस्वामी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार, भारत सरकार ने 2022-2027 तक पाँच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की है, जिसे लोकप्रिय रूप से उल्लास (समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) के रूप में जाना जाता है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों को सशक्त बनाना है, जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है, और उन्हें देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना है। यह न केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित कौशल हासिल करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ से समृद्ध भी करता है। इस योजना को स्वैच्छिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्यबोध की भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से लागू किया जा रहा है।जिसमें हम सबने शपथ ग्रहण किया है, इसके अलावा, शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल पर एजुकेशन फॉर ऑल वर्टिकल के साथ-साथ उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री तक पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।जो कि बेहतरीन पहल है,
उल्लास शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के मार्ग को रोशन करते हुए आशा की किरण के रूप में कार्य करना जारी रखता है। इसलिए, पाठ्यक्रम को शिक्षार्थियों के सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जो उनके बीच अधिक आत्मीयता और गर्व की भावना पैदा करता है।उल्लास स्वयंसेवी शिक्षकों के लिए अपने शिक्षण विधियों में अनुभवात्मक शिक्षा को भी शामिल करता है, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक आकर्षक और सार्थक हो जाती है, साथ ही सीखने को व्यावहारिक मूल्य भी मिलता है। इसके साथ ही, यह योजना प्रमाण-पत्रों के माध्यम से शिक्षार्थियों के साथ-साथ स्वयंसेवी शिक्षकों के प्रयासों को भी मान्यता देती है, जो निस्संदेह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।
यह योजना साक्षरता कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है; यह एक आंदोलन है, एक उज्ज्वल भविष्य और सशक्त नागरिकों की ओर एक अभियान है। यह मानता है कि साक्षरता एक मौलिक मानव अधिकार है और इस अधिकार को सभी के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करता है। इस यात्रा पर निकलने वाले शिक्षार्थी न केवल पढ़ना और लिखना सीखते हैं बल्कि अपने जीवन, अपनी आजीविका और अपने समुदायों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी सक्षम होते हैं। पढ़ा गया प्रत्येक शब्द, गणना की गई प्रत्येक संख्या और समझा गया प्रत्येक विचार उन्हें उनके सपनों के एक कदम करीब लाता है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।

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