Monday, June 9, 2025

वित्त मंत्री ओपी चौधरी को डी. एल. एड. अभ्यर्थीओ ने सौप ज्ञापन

Must Read

वित्त मंत्री ओपी चौधरी को डी. एल. एड. अभ्यर्थीओ ने सौप ज्ञापन

योग्य डी.एल. एड.अभ्यर्थियों को मिले नौकरी

खरसिया- छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती 2023 D.Ed vs B.Ed मामले में माननीय छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने और शीघ्र अति शीघ्र उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बी. एड धारी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर योग्य डी. एल. एड धारियों को 6 सप्ताह के भीतर नियुक्ति दिलाने डी. एल. एड.अभ्यर्थियों ने की मांग हम छग सहायक शिक्षक भर्ती 2023 के योग्य डी. एल. एड अभ्यर्थी पिछले 1 वर्ष से अत्यंत मानसिक पीड़ा में है

उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अधिकार की लड़ाई लड़ी। जबकि प्रतिवादी बी.एड पक्ष

अयोग्यता के बावजूद नौकरी में बने रहकर वेतन के पैसे से लड़ाई लड़ रही थी।

पीड़ा से गुजर रहे हैं। हम आपको अपनी वेदना निम्न बिंदुओं में हैं-

1. 04 मई 2023 को उत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन जारी किया गया था जिसमे सहायक

शिक्षक पद हेतु डीएलएड के साथ b.ed को भी शामिल किया गया। जो कि असंवैधानिक था, जिसे

डिप्लोमा धारियों ने छग उच्च न्यायालय में 30 मई 2023 को चुनौती दिया था (3541/2023)1 (क्योंकि बी.एड को सहायक शिक्षक हेतु शामिल करने वाली NCTE के 28/06/2018 की अधिसूचना को राजस्थान उच्च न्यायालय ने 25/11/2021 को रद्द कर दिया था )

2. छग में भर्ती प्रति प्रक्रिया के बीच में सुप्रीम कोर्ट का भी ऑर्डर 11 अगस्त 2023 को नियुक्ति पूर्व आ गया, जिसमे राजस्थान के फैसले को सही ठहराया गया, और सहायक शिक्षक पद पर बी. एड धारियों नियुक्ति को संविधान के अनु. 21 ए का उलंघन बताते हुए असंवैधानिक बताया।

(राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दिया गया था, जिस पर बिना स्टे का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था, और जनवरी 2023 में मामलों को सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।)

3. इसी आधार पर छग उच्च न्यायालय में हमने एक और याचिका 5788/2023 दायर की, जिसपर 21 अगस्त को सुनवाई करते हुए, बी.एड को सहायक शिक्षक पद से बाहर कर केवल डी. एल.एड धारियों की काउंसलिंग कराने का अंतरिम आदेश दिया गया।

4. तत्कालीन परिस्थिति तब उत्पन्न होती है, जब छग बी.एड मान. छग उच्च न्यायालय के फैसले जिसमे बी. एड को बाहर करने का अंतरिम राहत मिली थी पर सुप्रीम कोर्ट से 29 अगस्त 2023 को स्टे ऑर्डर ले आते हैं जिसमे बी.एड को इस शर्त पर शामिल करने का निर्देश दिया जाता है कि उनकी नियुक्ति छग उच्च न्यायालय के 5788/2023 और संलग्न मामलों के अंतिम फैसले के अधीन होगी. जिसे छग उच्च न्यायालय गुण दोष के आधार पर तय करेगी। साथ ही बी. एड धारियों की नित्पयुक्ति

प्रपत्र में इस बात का उल्लेख भी करने का निर्देश दिया गया था (तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने न्यायालय के फैसले का राजनीतिक लाभ

देखते हुए बिना हाईकोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार किए नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। यह जानते हुए भी की भविष्य में यह काफी विवाद का मुद्दा बनेगा, जबकि कांग्रेस सरकार चाहती तो छग उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई कराकर मामले को सुलझा सकती थी।)

5. इस प्रकार छग उच्च न्यायालय में 8 महीने की लंबी लडाई चलती है, इन 8 महीनों में बेरोजगार योग्य डी.एल.एड धारी आर्थिक तंगी के बावजूद कर्ज लेकर, अपने अधिकार की वस्तुएं गिरवी रख कर छग उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अधिकार की लड़ाई लड़ी। जबकि प्रतिवादी बी.एड पक्ष अयोग्यता के बावजूद नौकरी में बने रहकर वेतन के पैसे से लड़ाई लड़ रही थी।

6. अंततः 02 अप्रैल 2024 को सभी संलग्न मामलों पर अंतिम फैसला आता है, जिसमे बी.एड धारियों की नियुक्ति असंवैधानिक घोषित करते हुए पूर्व के समस्त नियुक्ति को निरस्त कर दिया जाता है साथ ही सरकार को निर्देश दिया जाता है कि आदेश जारी करने के 6 सप्ताह के भीतर बी. एड अभर्थियों को बाहर करते हुए योग्य डी. एल. एड धारियों की नई चयन सूची तैयार कर नियुक्ति प्रदान करे।

7. 08 अप्रैल 2024 को म.प्र. और अन्य राज्यों के दद्वारा 11 अगस्त 2023 के फैसले पर क्लियरीफिकेशन/ मोडिफिकेशन याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया गया कि 11 अगस्त 2023 के बाद की समस्त नियुक्तियां अवैध होगी। साथ ही साथ ऐसे समस्त नियुक्तियां भी अवैध होंगी जो 11 अगस्त 2023 के पूर्व की भी हैं किंतु भर्ती प्रक्रिया किसी न्यायालय के अधीन रही हो, या भर्ती प्रक्रिया को किसी न्यायालय में चुनौती दी गई हो।

( 11 अगस्त 2023 के फैसले के पूर्व पूरी हो चुकी केवल उन्हीं बी. एड धारियों की सहायक शिक्षक पद पर नियक्ति बची रहेगी जो किसी भी कोर्ट के अधीन न रही हो या जिसे चनौती नही दिया गया रहा हो)

8. चूंकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ही 29/08/2023 को अपने ही अंतरिम फैसले (35325/2023 मामले पर) में मान. छग उच्च न्यायालय को गुण दोष के आधार पर अंतिम फैसला लेने हेतु निर्देशित किया था। अतः उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले के बाद अब और विलंब न करते हुए, फैसले का पालन कर निष्पक्ष कार्यवाही हेतु शिक्षा विभाग को निर्देशित करें कि बी. एड धारियों की नियुक्ति निरस्त करते हुए 6 सप्ताह के भीतर योग्य डी. एल. एड धारियों को नियुक्ति प्रदान करें।

9. हम डी.एल.एड अभ्यर्थी पिछले लंबे समय से मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, अतः हमारी वेदनाओ को समझते हुए शीघ्र कार्यवाही करें, हम सभी शीघ्र निष्पक्ष न्याय की आशा करते हैं समस्त डी.एल.एड अभ्यर्थी छग

Latest News

सेटिंग का खेल: अंधेरे में हो रहा बोरवेल खनन

रायपुर औद्योगिक क्षेत्र धरसीवां: स्थानीय नेताओं की मिलीभगत से रात्रि कालीन बोरवेल खनन का खेल खुलेआम जारी है। शिव सेना...

More Articles Like This