राम कथा का समापन
राम कथा से आदर्श जीवन जीने की कला सीखना चाहिए – कथा वाचिका जया मिश्रा
. खरसिया राष्ट्रीय राजमार्ग 49 रायगढ़ बिलासपुर मार्ग खरसिया थाना अंतर्गत ग्राम उल्दा में चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर मां वैष्णो देवी उल्दा झरिया के प्रांगण में चल रहा है श्री राम कथा 17 अप्रैल को समापन हुआ नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गयी. कथा वाचिक जया मिश्रा ने अंतिम दिन की कथा में लंका दहन, राम- रावण युद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग का वर्णन किया. कथा में बताया कि रामायण हमें जीने का तरीका सिखाती है. रामायण हमें आदर्श, सेवा भाव, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की संपत्ति पर हमारा कोई अधिकार नहीं है, की सीख देती है. इस प्रकार भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठन शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया. इसलिए हर राम भक्त का दायित्व है कि पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करते रहना चाहिए . कथा वाचिक द्वारा भगवान श्री राम के राज्याभिषेक का वर्णन व राम दरबार की आकर्षक झांकी प्रस्तुति पर पूरा कथा पंडाल राजा रामचंद्र की जय के जयकारों से गूंज उठा. कथा वाचक ने कहा की बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता है. अंतत अधर्म पर धर्म की जीत होती है. भगवान श्रीराम ने सत्य को स्थापित करने के लिए रावण का वध किया. कथा वाचक ने कहा कि श्री राम कथा के माध्यम से व्यक्ति को अपनी बुरी आदतों को बदलने का प्रयास करना चाहिए. राम कथा भक्त को भगवान से जोड़ने की कथा है. भगवान की कथा हमें बताती है कि संकट में भी सत्य से विमुख न हो व अपने वचन का पालन करें. कथा वाचिक ने कहा कि माता-पिता की सेवा, गुरु जन का सम्मान, गौ माता का सेवा तथा ईश्वर का स्मरण जिस घर परिवार में होता है. वह स्वर्ग के समान है. कथा के दौरान रामायण पूजन व आरती के बाद भक्तजनों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया..