●*साइबर और महिला सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम: रायगढ़ पुलिस की सामुदायिक पुलिसिंग के तहत बच्चों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी*
*25 सितंबर, रायगढ़* । पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन में सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत जिले में चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला में, आज दिनांक 25.09.2024 को चपले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय चपले तथा नवीन शासकीय महाविद्यालय चपले में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को साइबर क्राइम और महिला सुरक्षा के बारे में जानकारी देना था।
इस अवसर पर *थाना खरसिया* और *महिला रक्षा टीम* द्वारा गुड टच-बेड टच, छेड़छाड़, अभिव्यक्ति ऐप, डायल 112, और साइबर क्राइम के विभिन्न पहलुओं पर बच्चों को जानकारी दी गई। महिला सेल की महिला आरक्षक गुणवती भगत ने बच्चों को महिला सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से समझाया। उन्होंने गुड टच-बेड टच, छेड़छाड़ से बचाव, अभिव्यक्ति ऐप और डायल 112 के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही, उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि किसी भी असामान्य या अनुचित परिस्थिति में तत्काल पुलिस से सहायता कैसे ली जा सकती है। उन्होंने बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनने और साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया गया कि ऐसी किसी घटना पर पालकों को जानकारी दें और पुलिस की मदद लें ।
थाना खरसिया के सहायक उप निरीक्षक लक्ष्मी नारायण राठौर ने बच्चों को साइबर क्राइम के खतरों और उनसे बचने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने ऑनलाइन गेम, गूगल सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम के सुरक्षित उपयोग पर सरल और प्रभावी तरीके से चर्चा की साथ ही कैसे अनजान व्यक्तियों से फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर चैटिंग या वीडियो कॉल्स के माध्यम से संपर्क में आने से खतरे पैदा हो सकते हैं। उन्होंने बच्चों को इंटरनेट पर सुरक्षा बनाए रखने और संदिग्ध गतिविधियों से सावधान रहने की महत्वपूर्ण बातें बताईं।
इस कार्यक्रम में थाना खरसिया के आरक्षक प्रदीप तिवारी ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से बातचीत करते हुए उन्हें उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया, साथ ही ऐसी किसी भी समस्या के समाधान के लिए पुलिस से संपर्क करने के लिए प्रेरित किया। यह कार्यक्रम बच्चों के लिए अत्यधिक शिक्षाप्रद रहा, जिससे न केवल उनके साइबर सुरक्षा के ज्ञान में वृद्धि हुई बल्कि महिला सुरक्षा के प्रति भी उनकी जागरूकता बढ़ी। पुलिस की यह पहल बच्चों के उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।