Sunday, June 8, 2025

ग्राम चारपारा में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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ग्राम चारपारा में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

आरडीएसडब्ल्यूएस रायपुर के तत्वाधान में मनाया गया महिला दिवस

करन अजगल्ले 9399403417

सक्ती।। नवीन जिला सक्ती के मालखरौदा जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चारपारा में इस बार 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भव्य रूप से महिला दिवस मनाया गया, विश्वभर में महिला दिवस 08 मार्च को मनाया जाता है. इसकी खास वजह ये है कि इसी दिन अमेरिका के महिलाओं ने अपने अधिकारों के मांग की लड़ाई शुरू की थी. बाद में सोशलिस्ट पार्टी द्वारा इस दिन को महिला दिवस मनाने का ऐलान किया गया. फिर इसके बाद यूरोप की महिलाओं ने भी बाद में 8 मार्च को रैलियां निकाली. इसके बाद साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने के लिए मान्यता दी.

भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है और इसी सम्मान को बनाए रखने के लिए आरडीएसडब्ल्यूएस रायपुर के सहित कुछ ग्राम संगठन व महिला समूहों के सहयोग से ग्राम चारपारा के बस्ती अंदर 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया । आमंत्रित अतिथियों ने सर्वप्रथम भारत के तमाम नारी शक्तियों के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन कर नारी सशक्तिकरण पर उद्बोधन दिया गया।

 

इस बीच हीराधर बंजारे लोक गायक के द्वारा नारी शिक्षा व सशक्तिकरण पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।

 

कार्यक्रम के प्रमुख अभ्यागत श्रद्धेय विनोद आनंद फादर

जी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा की देवी प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की जीवनी को महिलाओं को पढ़ना चाहिए जिन्होंने तत्कालिक सामाजिक व्यवस्था में महिलाओं को पढ़ने का अधिकार नहीं था उस समय माता सावित्रीबाई ने महिलाओं को पढ़ने के लिए भारत में द्वार खोल दिया, आज उनके बदौलत सशक्त नारी सशक्त समाज की कहावत चरितार्थ होती है, हमारे संविधान में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने नारियों के उद्धार के लिए अनेक धाराओं को शामिल किया है पहले इस पुरुष प्रधान भारत देश में मनुवादी व्यवस्था के तहत महिलाओं के उन्नति के द्वार हमेशा के लिए बंद कर दिए गए थे जिसे बाबा साहब ने संविधान में महिला उत्थान के लिए अनेकों धाराओं को जोड़कर उनके उन्नति एवं सशक्तिकरण के मार्ग भारत में खोल दिए। चीफ कॉर्डिनेटर आनंद बौने ने अपनी जिंदगी के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनको कालेज की पढ़ाई के लिए घर से पचास किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, फिर भी उन्होंने संघर्ष से हार नही मानी, सर ने आगे कि कहा कि पहले महिलाओं को दहेज प्रथा, सती प्रथा के नाम पर प्रताड़ित किया जाता था, और महिलाओं को कोई भी अधिकार नहीं था लेकिन अब हालात महिलाओं के अनूकुल हो रही है और समाज में बदलाव आया है।

मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष लकेश्वरी देवा लहरे ने कहा कि आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं। हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं। लेकिन कई बार उन्हें समाज में लैंगिक असमानता का व्यवहार झेलना पड़ता है। ऐसे में इस दिन महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। पीडीए पालु राम भारद्वाज ने कहा कि बच्चों में संस्कार भरने का काम मां के रूप में नारी द्वारा ही किया जाता है बच्चों की प्रथम गुरु मां ही होती है मां के व्यक्तित्व का बच्चों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार का असर पड़ता है। मदर टेरेसा, सावित्रीबाई फुले, माता रमाबाई अंबेडकर, इंदिरा गांधी, अरूणा आसफ अली, स्व.कल्पना चावला, सरोजनी नायडू, मिनीमाता, प्रतिभा देवी पाटिल, ममता बनर्जी, मायावती, स्व.जय ललिता, स्व. लता कर्म से देश के साथ-साथ पूरे विश्व में अपना नाम रोशन किया है इनसे महिलाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

वही आज के चारपारा के महिला दिवस समारोह में मुख्य रूप से

 

श्रद्धेय विनोद आनंद फादर , (डायरेक्टर आर डी एस डबल्यू एस) आनंद बौने (चीफ कॉर्डिनेटर), लकेश्वरी देवा लहरे (जनपद पंचायत अध्यक्ष मालखरौदा), ममता भारद्वाज (सरपंच चारपारा), पालु राम भारद्वाज (पीडीए), प्रीति पंकज सीएफ, वंदना कसेरा सीएफ, पुरुषोत्तम, मेलाभारती (बीएलएफ चारपारा), नेहा भारती, कुसुम भारती, किरण भारती, बुदेला भारती, बसंती, गायत्री भारती, रही वही कार्यक्रम का सफल संचालन अहिल्या भारती द्वारा किया गया।

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